#फुर्सत मिले कभी तुमको
तो बैठ कर ये सोचना
जिस देश का अन्न खाया है
जिस देश में रहकर नस्ल जनी
उसके लिए तुम्हारी जान थोड़ी है
सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


मस्जिद की लड़ाई में, देश को भुला
ये जिंदगी देश की गुलाम थोड़ी है
अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है
ये सब धुँआ है, कोई आसमान थोड़ी है
सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


ये बात भी ठीक है कि
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द्द में
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है
पर ये हिंदुस्तान है, ये पाकिस्तान थोड़ी है
मैं जानता हूँ की दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है
अपने ही देश से जो कर सकते हैं गद्दारी
इनको अपना ईमान थोड़ी है
सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


अपना ही संविधान बना लिया है
आपके मुंह से जो निकले वही सदाक़त है
आपके मुंह में हमारी जुबां थोड़ी है
पर एक बात तो बताना कि कोई
हिंदुस्तान के संविधान से अनजान थोड़ी है
सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


जो आज साहिब-इ-मसनद है कल नहीं होंगे
किराएदार है जाती मकान थोड़ी है
इसी ताक में तो है जब हाथ लगेगी कुर्सीयां
देश भी बेच देंगे ये हिंदुस्तान ही तो है
किसी का जाती मकान थोड़ी है
 सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


छुपा है क्या कुछ जो कोई नहीं जानता
पीठ पीछे वार करने का
हुनर है वो सरेआम थोड़ी है
अब तो आपकी नस्लें होती है मुस्लिम
इसमें कोई इरफान खान या कलाम थोड़ी है
सच कहा आपने भाई
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।


#फुर्सत
#ArjunaBunty
#matrubharti

Hindi Poem by Arjuna Bunty : 111543199

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