रीस्ते बनातेही है क्यो तोडने के लीए, साथ देते ही है कयो बीच राह मे तनहाछोडने के लीए, मुजे नफरत है ऐसे रीस्तोसे जो तकलीफे देकर तन्हा छोड जाते है।।
हर रस्म निभाई जाती है समाज के इस हर बंधन की तो महोबत कयो नही नीभाई जा सक्ती जो दुनिया से परे कइ गुनी पवीत्र और मासूम है।।

-Raajhemant Pandya

Hindi Questions by Hemant Pandya : 111541703

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