सुन कर हाल दिले ज़ज्बातों का़

न सोया दिल कभी हम सायों का़

न्द न्याय न था़ कोई ये वफ़ाओं का़

न साथ था़ उसकी वफ़ाओं का

मन धरे न धीर इन्तजारों का

दरियां सी बहती आँखों का

न रुका कभी नीर इन आँखों का

- RJ krish

Hindi Blog by Rj Krishna : 111540779

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