# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .कमी **
# कविता "
क्या कमी रह गयी मेरे प्यार में ,
जो मेरे से मुँह मोड़ लिया ।
क्या कमी रह गयी मेरे रुप में ,
जो आँखों से ही गिरा दिया ।।
क्या कमी रह गयी मेरे यौवन में ,
एक नजर देखना गंवारा नहीं हुआ ।
क्या कमी रह गयी मेरी दोस्ती में ।।
दो कदम साथ चलना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरे दिल में ।।
दिल से दिल मिलाना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी नजरों में ।।
नयन से नयन मिलाना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी हसरत में ।।
दिल की बातें बताना छोड दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी यारी में ,
मुझसे यारी निभाना छोड़ दिया ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।

Hindi Poem by Brijmohan Rana : 111539848
Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी वाय .एस .पी .जी धन्यवाद मित्रवरजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एस .एस .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

Wrmessi ,धन्यवाद जी मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एच .बी .एम .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एन .जे .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

लाईक करने वाले सभी मित्रों व बहनों को तहेदिल से धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी एन .एन .के .जी धन्यवाद बहनाजी ।

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