चलों ,चला चली का खेल निराला जिंदगी,
कुछ सांसे महेफुस हो, इबादत में जिंदगी;

अलविदा तो होता ही है, मुसाफ़िर होने पर,
याराना सफ़र हो खुशहाल, हर पल जिंदगी;

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111539572

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now