नारी रूप है दया, करूणा, प्रेम का
नारी रूप है शक्ति, भक्ति, विशवास का

नारी तू आदि तू ही अनंत
तेरे नुर से ही सभंव जगत का जीवन।

Hindi Thought by Raj_S : 111538103

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