बडे नेक है वो मेहबूब मेरे
सारी दुवाओं को हकमे कर महबूब के
सबकी बात सुनता है तू ए ख़ुदा मेरे,
ये करम कर दे फ़िर हक में महबूब के।

मेरी दुनिया और ये सारा जहान उनसे
बस सारी खुशियां झोली में उन के,।
मेरे ख़ुदा तू परवरदिगार मेरे,
मेरे आंखे और सारे सपने उनके।

कैसा ज़ख्म है जो भरता नहीं
अगर पता देदे सारे गम उनके।
मुझे जीने की वजह दी है,
मेरे हिस्से में कर दर्द उनके।

Hindi Shayri by VANDANA VANI SINGH : 111536524

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