# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .कर्मा "
# कविता ***
मेरा कर्मा तू ,मेरा धर्मा तू ।
तू ही मेरा रहमो करम ,तू ही ईमान तू ।।
तेरी कृपा से ,भवसागर पार करुँ ।
ये मेरी अंतिम ,अभिलाषा तू ।।
अब तो रहम कर ,इस जग पर तू ।
हम सब तेरे ,पुत्र समान ठहरे ।।
क्यूँ सताता है ,अपने पुत्रों को तू ।
हम तो तेरे दिल ,के टूकड़े ठहरे ।।
अब तो तेरी माया ,समेट ले प्रभु तू ।
सब प्राणों के लिए ,तरस रहे ।।
अपनी अमी की ,वर्षा कर तू ।
तेरे को निश दिन ,सब पुकार रहे ।।
दयासागर तुझे कहते ,
अब तो करुणा बरसा दें ।
इस संसार में सब ,अमन चाहते ।।
कुछ सुकून के पल ,हमको तू दे दें ।
अब फिर भुल नहीं होगी ,अहम् छोड़ तेरी शरण आयें ।।

Hindi Poem by Brijmohan Rana : 111535576
Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी ए .के .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी डी .जे .डी .जी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी सारिकाजी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एच .एस .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी आरतीजी जोशीजी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

ए .एस .जी धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी डी .एच .जे .जी धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी आर .आर .आर .जी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एस .पी .पी .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी मोहनभाई आनंदजी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी शेफाली धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी हेतजी भट्ट धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एच .के .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी डी .बी .एस .जी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी धन्यवाद गीताजी परमारजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी पी .बी .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

लाईक करने वाले सभी मित्रों व बहनों को धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

धन्यवाद जी

Brijmohan Rana 4 years ago

धन्यवाद जी

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी भावेशजी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

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