सोचा है कभी..???
उन दिनों के बारे में जिनमें
सुबह और शाम हुई नहीं
जो भरी दोपहर बनकर ही गुज़र गए
वो रातें ..जिन्हें जुदाई के आँसू न मिले
वो कवि और शायर..
जिनकी प्रेमिकायें न हुईं
वो आंखें..जिन्होंने ख़्वाब नहीं देखे
वो सौंदर्य..जिस पर कविता नहीं लिखी गयी
कभी सोचा है उनके बारे में
जिनकी तमाम उम्र बीत जाती है
सिर्फ़ दो वक्त की रोटी की जद्दोजहद में
वो घर जिनमें बचपन नहीं खिलखिलाता
जहां जवानी अंगड़ाइयां नही लेती
जिनके संघर्ष का रेगिस्तान
कभी खत्म नहीं होता
उनके बारे में कभी सोचा है.....?

-मधुमयी

#सोच #ज़िन्दगी #Mukhtsar Khwab#मधुमयी
#instagram #positivevibes#poetryofinstagram
#shayri #nazm
https://www.instagram.com/p/CDo6guEF3Il/?igshid=p9hf0ytg29xt

Hindi Poem by Mohini Rani : 111535498

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now