नजारा देखा

आज एक नया ही नजारा देखा,
हमे खुश देख कईओ का चहेरा उतरते देखा

आज एक नया ही नजारा देखा,
हमे अपने लिए जीते देख अपनो को ही नाराज होते देखा

आज एक नया ही नजारा देखा,
हमे अपने फैसले लेते देख कईओ को बाते बनाते देखा

आज एक नया ही नजारा देखा,
हमे आगे बढ़ते देख कईओ को पीछे खींचते देखा

आज एक नया ही नजारा देखा,
हमे इस अंदाज मे देख दोस्तो को दुश्मन बनते देखा

- किंजल पटेल (किरा)

Hindi Poem by Kinjal Patel : 111534937

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