उसकी ना समझी पर मुझे एतबार है,
थोड़ा मासूम है ढेर सा प्यार है।
वो चांद है मेरा काली रात का,
जो हर समय मेरे सर पर सवार है।

Hindi Shayri by VANDANA VANI SINGH : 111534160

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