कभी समजा ही नही दोनोने कौन किसीके लीए क्या है, स्त्रीके लीए पती ही है इसका सच्चा गहना ,माथे की सीदुंर, हाथो की चुडी, भाले की बींदी और सोलाह सींगार ,हे सुहागकी नीसानी, सुहागके बीन सव बेकार, और है धरकी सोभा, जीवन की संगीनी, हर वख्त छाया बनके साथ,सबसे बडी दोष्त, सबसे वफादार, जिसके लीए सजती सवरती हे वो प्रीयसी है सच्चा गहना,
#गहना

Hindi Poem by Hemant Pandya : 111533894

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