बचपन की सहेली है वो,
साथ कई शरारतें किया करते थे,
खट्टी मीठी यादों में भागीदारी थी,
तेरे दुख को तब भी अपना माना था और आज भी,
काश तेरे दुखो को मिटा पाती
आज भी दोस्ती उसी तरह से निभा पाती||

Hindi Shayri by Pihu : 111533436

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