बादलों के बरसने के बाद जब कोरा आकाश शांत और निर्मल हो ठहर जाता है, सूरज की एक पतली-सी किरण टूट-टूट कर रंगों में बिखरने लगती है। वह भी कुछ ऐसी तरंगों में बँट जाना चाहती ताकि कोई इन्द्र धनुष रच सके। - केसरिया बालम

Hindi Story by Hansa Deep : 111532236

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