My Meaningful Poem..!!!
आज जो तुम महेकें महेकें से हर सिम्त
हर पेहलु से महसूस हो जो रहे हो..!!
दरअसल यह आपके मातृजी-पितृजी
श्री के पसीनों की ही तो ख़ुशबू है..!!
बीज़ जो संस्कार के कभी बोएँ उन्हों
ने आप पा रहे, जो फ़ल-स्वरूप है..!!
बढ़ते बढ़ते नस्लों की शाख़ें भी कुछ
एसे बढ़ी हक़ीक़त,उनकी तसव्वुर है..!!
पहेलीयोँ की कुछ दरकार-ए-दस्तूर
रंग लाई है,नस्ल हर मुख़्तसर-सी है..!!
वक़्तने लिए इम्तिहान अनगिनत,आज
जो आपकी है,ये उनकी मस्ककत है..!!
हैवान-ओ-इन्सान का चौली-दामनका
साथ रहा,पर उनके कमँकी बरकत है.!!
पैरवी करते रहो ख़ानदानी उसूलों की,
हर वक़्त यही उनकी सही सनाख़त है.!!
प्रभु भी परखते है हर दौर में नस्लों की
पुश्तोंको,एसे ही तो मुक्ति मयस्सर नही
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