आज शब्द ने कहा
"मैं ,तुम्हारा हो चुका हूँ।"
मैंने कहा ऐसे नहीं
आओ,बैठो,ठहरो
किसी और के साथ भी टहलो,
बातें वहाँ तक ले जाओ,
कुछ देर
कोहरे में छुप जाओ,
बर्षा में भीग जाओ,
गर्मी सह लो,
बर्फ में ठिठुर जाओ,
सबके हो जाओ,
दुखी मत करो
सुख का अहसास दे दो।
०५.०८.२०
***महेश रौतेला