बो धड़कनो का एहसास हो तुम , मेरी जीवन की कहानी हो तुम!
जब तुम सामने आती हो ,धड़कनो चलती हैं रफ्तार से!
धड़कन भी कितनी अजीब होती है,
जहां धड़कन मिलती हैं एक दूसरे की,
बनती कहानी एक नई हैं , मिलता हैं प्रेम नया आगमन!
जब चाहे हो तुम कितनी दूर,
अपनी धड़कनों से पहचान लेता हू तेरा दर्द ,
जब मेरी धड़कने जुड़ी हो जब तुम से फिर ,
मैं हूं केसे अलग ,
यहीं तो मेरी पहचान बनती हैं
तेरी धड़कनो मेरी कहानी बनती हैं!.....Still Rishabh

Hindi Shayri by Rishabh Dubey : 111531597

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