निषेध है उन सारी बातों का जो मानवता के विरुध्द है।
निषेध है उन कृत्यों का जो घिनौनी तथा अनैसर्गिक है।
निषेध है उन बुध्दिजिवयों का जो व्यर्थ की बातों में
समय बरबाद कर समाज की दिशाभूल कर रहे है।
निषेध है मरे दिल का जो अन्याय को सहन करते
हुवे उफ् भी नहीं कर रहा।
#निषेध

Hindi Thought by Suryakant Majalkar : 111530122

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