"राखी एक अनोखा त्यौहार"

राखी एक अनोखा त्यौहार है,
जिसमें प्यार और अपनापन बेशुमार है,
भाई बहन के रिश्ते की,
यह अनोखी सौगात है,
भाई बहन का रिश्ता ही,
अपने आप में कुछ खास है,
जिसमें खट्टी और मीठी यादें,
दोनों एक साथ है,
यह त्यौहार उन यादों को,
साथ में ले आता है,
हम दूर-दूर हो तो भी,
यह त्यौहार हमें पास ले आता है,
राखी के बंधन में,
अटूट प्यार और विश्वास होता है,
एक दूसरे की रक्षा का वादा,
इसमें बहुत खास होता है,
राखी को बांधने का भी,
एक अलग अंदाज होता है,
उसे बांधने और बंधवाने वाला,
पहले खुद तैयार होता है,
थाली को लगाकर फिर,
उसे कुमकुम अक्षत और दिये से सजाते हैं,
राखी के डोरे में हम,
अपना प्यार सजाते हैं,
माथे पर तिलक लगाकर,
हम उस पर अक्षत लगाते हैं,
नारियल पर शगुन रखकर,
भाई के हाथों में उसे थमाते हैं,
भाई की कलाई पर बांध कर राखी,
फिर अपना प्यार जताते हैं,
बड़े ही प्यार से फिर,
उसका मुंह मीठा कराते हैं,
बाद में नेक के नाम पर,
उसकी जेब भी ढीली कराते हैं,
बड़ी ही प्यारी होती है,
ये रस्मे जिन पर हम अपना प्यार लुटाते हैं,
याद करते हैं एक दूसरे को,
और बहुत याद आते हैं,
बड़ी ही खुशी और हर्षोल्लास के साथ,
हम रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं।
Written by- Sakshi jain

Hindi Poem by Sakshi jain : 111529751

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