*हर बूँद ठहराना चाहती है
फूल की सुन्दर पाती पर
मगर बूँद की मर्जी चलती कहा है
कि... दो पल ठहर सके, अपने मन से उस पर
एक पल गिरना है
उसे जमी पर खुशबु बनकर मेहकने के लिए...*
#Shweta #हर_बूँद #फूल #मर्जी

Hindi Shayri by Shweta Singh : 111527325

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