*यें जो तुम मुझे देखकर मुस्कुरा रहे हो...*
*ज़ख्म नए देने है या पुराने याद दिला रहे हो...*
*क्या है दिल में तुम्हारे मैं समझ नहीं पाया,*
*कल तक बेरूखी और आज प्यार जता रहे हो...*
*मैं पागल हूँ तुम्हारे इश्क़ में तुम्हें समझ क्यो नही आता,*
*मुझे भूल जाओ मुझे भुल जाओ यह कैसी रट लगा रहे हो...*
*इतनी मिन्नतों का फर्क तुम पर ज़रा भी न पड़ा,*
*लगता है मेरी मोहब्बत को आजमा रहे हो...*
💔
*पागल दिवाना*
*Insta handle:- @guardin63*

Hindi Shayri by PAGAL_DEEWANA : 111525763

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