#Hard to know d actual entity of MAA..!!


My New Poem...!!!

भूख से में तिलमिला
जाऊँ तो तड़प जाती

माँ जब चमचों से
दूध-दलिया पिलाती

रालियों पर तो रेलों
की धारा ही बह जाती

लब तो लब गालों
पर भी वे चिपक जाती

जो गाल बार बार माँ
ही साफ़ करती रहती

क्या ख़ूब फ़िक्र एक
माँ ही तो करती रहती

रातों को गिले बिस्तर
पर ख़ुद वह सो जाती

सर्दी-जुकाम के ख़्याल
तकसे भी वही बचाती

मानो माँ नहीं साक्षात
देवी-सी नज़र आती

उस समय माँ ही हर एक
संभव प्रयास कर जाती

प्रभु की बनी सब से प्यारी
मुर्त जीते जी स्वर्ग दिखाती

✍️🌴🌹🌲🌺🖊🌺🌲🌹🌴✍️

Hindi Motivational by Rooh   The Spiritual Power : 111524634
JIRARA 4 years ago

Real good. The mothers are true saviours of this world.

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