जिंदगी मुस्कुराने लगी
जब मैं खुल के जीने लगी।
पहले बहोत जी लिया घुटन में
अब खुल कर सांस लेने लगी।
बहोत कर लिया सबके लिए
अब खुद के लिए कुछ करने लगी।
आज पता चला खुल के हसना क्या है
जब दिल खोलकर खुश होने लगी।

Hindi Poem by Vibhu : 111523967

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