काश ज़िन्दगी में खुशियों को संचित करने का भी कोई गुलक होता जब भी कोई तकलीफ़ और दुख होता तो उन खुशियों का गूलक तोड़ लेते......रितु की कलम से✍️
#संचित

Hindi Thought by Rj Ritu : 111520550

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now