छतनार पेड़ों की मोटी शाखाओं पर बंधे झूले,
पेंग भरती उत्साही सखियाँ,
मेंहदी रचे हाथ, नए कपड़े,
उबले चने और गेहूँ के,
गुड़ और चीनी के साथ बने व्यंजन,
दूर तक सुनाई देती सपेरों की बीन,
सावन बेटियों का महीना है,
#नागपंचमी उसका उत्कर्ष 🙏

#संचित_परम्परा #संचित_स्मृति

Hindi Thought by Meenakshi Dikshit : 111520183

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