कल तुझे देखा और दिल लगा बैठें है
आज तुम मिलोगी ये उम्मीद लगा बैठें है
हमे चाहना ना चाहना मरजी है तेरी
इन्तजार तेरा ही रहेगा ये जिद लगा बैठें है।

ashq Reshmmiya

Hindi Shayri by Ashq Reshmmiya : 111519995

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