उनकी यादों ने दफ़्तन दे दी है दस्तक,
अश्क़-ए-समंदर में डूबने की बारी है

गवाह-ए-इश्क़ हैं हाज़िर इक बार फिर से,
ज़ख्म फिर हों ताजे,अदालतें हुक्म जारी है

Hindi Shayri by करुनेश कंचन.. : 111517800

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