क्या आपको नही लगता रिश्ते अपनी मिठास खोते जा रहे हैं?? जहाँ अपनापन है भी वहाँ नजरिया नही है। स्वार्थ और मतलब मुँह बाये खड़ा है। क्यों न ऐसे में निस्वार्थ प्रेम की बात की जाये, अनकहे रिश्तों की गरमाहट को महसूस किया जाये, कहते हैं एक ही बात को बार-बार दोहराने पर वह सच होने लगती है....आइये उसी गरमाहट को महसूस करते हैं 'एक बूँद इश्क' में ..............
मातृभारती 11कड़ियों को लेकर आ चुका है आज रात 11:00 बजे 12वीं कड़ी पढ़िये.....

Hindi Story by Chaya Agarwal : 111517000

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now