हम शायर हे, ओर एक शायर, कभी धर्मांध नही होता, हम तो बस अपने एहसास को अल्फाज़ बना कागज़ पर उतार ना जानते हे, क्यूँ की इस से बडा, हमारा ओर कोई कर्म नही होता।

#धर्मांध

Hindi Thought by Baatein Kuch Ankahee si : 111516859

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