टूटे हुए जज़्बातों को कौन जोड़ पाया है
क़िस्मत की लकीरों को कौन मोड़ पाया है
जो किस्मत में लिखा हो वही मिलता है
उससे ज्यादा यहां किसने पाया है
✍️ निमिषा

Hindi Shayri by Nimisha : 111515617

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now