संसार में मालिक
बनाना रात जैसा ही,
मेरे व्यवहार में है मौला,
वो शीतल चाँदनी ही हो,
कभी जो बनूँ मैं सूरज,
तपिश मेरे लिए ही हो,
मैं रौशन करके ये दुनिया,
जहाँ को राह दिखलाऊँ|
डॉ०गीता द्विवेदी

Hindi Poem by Dr.Geeta Dwivedi : 111513768

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