आतुर हूँ मैं तुम्हें अपना रंजो गम सुनाने को
और तुम कहती हो मुझे खुद को भूल जाने को
अब तो हसरत है निकले दम तेरी ही बांहों में
खोके तुझमें ही भूल जाऊं मैं जमाने को

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#आतुर

Hindi Shayri by राज कुमार कांदु : 111508745

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