सारी उम्मीदे थम गई,
देह मृत सी हो गई
पल पल साँस रूक गई,
निश्चल प्राण सी हो गई
और नहीं अब और नहीं
जुर्म की अब हद हो गई

#मृत

Hindi Poem by Sushma Gupta : 111508000

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