बाद मुद्दत उसे देखा, लोगों
वह जरा भी नहीं बदला, लोगों

खुश न था हमसे बिछड़ कर वह भी
उसके चेहरे पर लिखा था, लोगों

उसकी आंखें भी कहे देती थी
रात भर वह भी न सोया, लोगों

अजनबी बनकर जो गुजरा है अभी
था किसी वक्त में अपना, लोगों

दोस्त तो खैर कोई किसका है
उसने दुश्मन भी न समझा, लोगों

रात वह दर्द मेरे दिल में उठा
सुबह तक चैन न आया, लोगों

प्यास सहाराऔं की फिर तेज हुई
अबर फिर टूट के बरसा, लोगों

good morning

Hindi Good Morning by mim Patel : 111507597
mim Patel 4 years ago

Thanks for all your comments

Brijmohan Rana 4 years ago

बेहतरीन सृजन ,वाहहहहहहहहहहहह ।

The best sellers write on Matrubharti, do you?

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