वोह अल्हड़ सी बेफाम लड़की, खामोश बोहत है!
टूट गई है अंदर से या, दिल में दर्द का शोर बोहत है!

छोटी छोटी बातों में अब खुशी के बहाने ढूंढ़ती बोहत है!
टूट गया है एक ख्वाब या टूटे ख्वाबों की तड़प बोहत है!

Hindi Poem by Gopi Mistry : 111505045

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