मर जाऊँ पिया❤️❤️

मैं दासी बनूं, मैं सेवा करुं,
मैं देहरी तेरी आऊं पिया।
निज प्रेम को त्याग, भोगूं बनवास,
मैं जी तोसे लगाऊं पिया।।1

भई निशा, मिला तोरा दर्श नहीं,
अंखिया चौखट पे बिछाऊँ पिया।
मैं बाबरिया, हुई तेरी सुहागिन,
बोल कैसे तोहे मनाऊं पिया।।2

दर्पण मोहे खूब सताए,
देह कैसे सजाऊँ पिया।
फेर लिया जो तूने मुखड़ा,
अब तोहे कैसे रिझाऊं पिया।।3

बेरी पिया मेरा भयो सांवरिया,
चहुँ ओर बांसुरी बजाऊं पिया।
जो तू कान्हा बन, मैं बनूं राधा,
किस तान पर रास रचाऊं पिया।।4

मैं जोगन, मैं ही बैरागन,
गीत प्रेम का सुनाऊं पिया।
तू मोहे निहार, मैं तोहे निहारूँ,
फिर देह त्याग, मर जाऊँ पिया।।5
#रूपकीबातें
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Hindi Poem by Roopanjali singh parmar : 111504734
Ketan Vyas 4 years ago

Interesting... nice.. .... https://quotes.matrubharti.com/111504701

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