राहें कई थी मेरी लेकिन मंजिल तुम्हे माना, गुजारिश कई थी खूदासे लेकिन इबादत में तुम्हे पाया, जिंदगी के सफ़र में कई मिले लेकिन हमसफ़र में सिर्फ तुम्हे चाहा ।
हेतु_✍️

Hindi Shayri by Hetal : 111503541

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