टूट जाए न भरम होंट हिलाऊं कैसे
हाल जैसा भी है लोगों को सुनाओ कैसे
खुश्क आंखों से भी अश्कों की महक आती है
मैं तेरे गम को जमाने से छुपाऊं कैसे
तेरी सूरत ही मेरी आंख का सरमाया है
तेरे चेहरे से निगाहों को हटाऊं कैसे
तू ही बतला मेरी यादों को भुलाने वाले
मैं तेरी याद को इस दिल से बुलाऊं कैसे
फूल होता तो तेरे दर पर सजा भी रहता
जख्म लेकर तेरी दहलीज पे आऊं कैसे
आईना मांद पड़े सांस भी लेने से
इतना नाजुक हो ताल्लुक तो निभाऊं कैसे
वो रुलाता है रुलाए मुझे जी भर अदीम
मेॆरी आंखें हैं वह, मैं उसको रूलाऊं कैसे
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