#सक्षम
आज ये समा भी कितना हसीन लगता है,
सच्चे वाले लब्जो का बना मशवरा लगता है,
ये कायम बने इश्क़ की आवारगी सा लगता है,
दो जहन से जहा में भूलना कितना अच्छा लगता है,
तेरे मेरे दिल में रिश्तों से जुड़े ख्वाब सा लगता है,
यूंही सदा चले अपनी महॉबात ये सोच कितना अच्छा लगता है,
अंधेरों में उजाले भरे रहे एक कयामत सा लगता है,
यूंही सक्षम बने रहे अपने दौर तो कुदरत का सिलसिला बना है जैसे दो प्यासे जहन से लगता है
DEAR ZINDAGI 🤗