अब जो ठुकराया तो मर ही जाएगा दिल बेचारा!
सोचो तो? केसे अब ये मुस्काएगा दिल बेचारा।

ये सोचो के इसपे कल जो कोई आएगा गम तो;
ऐसा होने पर आँसू बरसाएगा दिल बेचारा।

वादे, यादें, सपने सारे ऊपर से डर रातो का!
केसै ये सारी उलझन सुलझाएगा दील बेचारा


ना जाने कब तक बस ये खाली बदन मिलेंगे हमको;
कब अपने जेसै दिल से टकराएगा दिल बेचारा।


मेरा दिल भी देखो जेसे कोई छोटा बच्चा है!
थक ने पर अपनी बाहै फैलाएगा दिल बेचारा।

English Shayri by Gadhavi Prince : 111501955

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