#संतुलन

हज़रत ए इश्क को महफूज़ रखा गया,
परवाह कर उसे अपने वश में किया गया,
आसमाँ-जमी में कोई फर्क नजर ना आने दिया,
अंधेरों में उजाला होने का वजूद दिलाया गया,
ए जिंदगी उसके जमीर का यू संतुलन बिगाड़ा गया।

DEAR ZINDAGI 💞

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111499739

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