अपनी उलझन को बढ़ाने की,
जरुरत क्या है।
छोड़ना है तो बहाने,
कि जरूरत क्या है।
लग चुकी है आग तो,
लाजिम है धुआं उठेगा।
फिर दिल में दर्द,
छुपाने की जरुरत क्या है।
रहना है उम्र भर,
दूर हमसे तो।
बहाने की जरुरत,
क्या है।
अजनबी रंग छलकता,
हो आँखों से,
तो फिर हाथ मिलाने,
की जरूरत क्या है।
रहते हो साथ मेरे,
मगर साथ नहीं देते,
ऐसे रिश्ते को निभाने,
की जरुरत क्या है।

Hindi Thought by परेश मेहता : 111499655
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत सुंदर...

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