स्त्री अपनी बुराई को कभी स्वीकार नही कर सकती अगर उनके अंदर की बुराई से अबगत कराया जाए तो वो आप पर आरोप प्रत्यारोप करने लगती है अंत मे वो ऐसा आरोप प्रत्यारोपित करती है जिससे सम्पूर्ण मन खिंनित्त हो जाता है और पुरुष उस विवशता में आगे कुछ कह नही पाता!!!!!

Hindi Thought by Govind Mali Sankhala : 111499081

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