धरी सी रह गई हुई तमाम बन्दग़ी
हद हैं कमाल हैं तेरे सामान ज़िन्दगी
कोई भी हो जाये इस रोशनी में गुम
बड़े चमकीले हैं तेरे सामान ज़िन्दगी.


अमृत....

Hindi Good Evening by Amrut : 111498433

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