किसी भी सामान की परवाह क्यों करूँ..?
जब किसी को इस दिल की कद्र ही नही थी

जिंदा तो हम मरने के बाद भी थे, पर अफ़सोस
हमे दफ़नाया वहाँ हमारे नाम कोई कब्र ही नही थी

- परमार रोहिणी " राही "

#सामान

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111498374

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