सूरज उगता है अपनी नई पहचान लेकर जला देता है अंधेरे को रोशनी की किरणे बेशुमार लेकर लोग चाहे कितना भी आपका पूरा करें लेकिन कामयाबी मिलेगी बेशुमार लेकर
#जिंदा

Hindi Shayri by Monty Khandelwal : 111496387

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