#ज़िंदा
रोज रोज तुम्हारे नखरे उठाए जा रहा हूं,
जूठे प्यार को झेल झेल कर थक कर टूटा जा रहा हूं।
रंगीन सफ़र से जुड़े ख्वाब को जाले लगाए जा रहा हूं,
उलफत मन में बसे जज्बातों को ठोकर मारता जा रहा हूं।
वफा के चौराहे पर बैठ बेवफाई का सिलसिला जिए जा रहा हूं,
आंखो से निकलते अश्को को आइने में बताए जा रहा हूं।
जिंदा रहकर खुदगर्ज दर्द को जुठी कहानियां सुनाए जा रहा हूं,
ये तोहमियात लगी खुद के किरदार को हकीकत में वो नाम से हटाए जा रहा हूं।
DEAR ZINDAGI 😔