#ज़िंदा

जिंदा तो हूं नहीं बस एक आश छुपी है तेरी यादों से,
कहीं वो भी छीन ले खुदा ये शहर के गलियों के रास्तों से,
ये जुस्तजू है, चांद को अकेला देख बाते करता हूं अकेलेपन से,
यूं ही तेरे नाम को इश्क़ की महिफिल में किरदार जिंदगी का बनाए जा रहा हूं.......

DEAR ZINDAGI 🤗

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111495988

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