दर्द दिल से उतर आया, उँगलीयों मे
बूत ए अलफाज़ , आशियाँ बनाया

रुखसत होती गई, सब बलाएँ भी
घौंसला, बखुबी दिल, तुने ये बनाया

होश में कहाँ है, मेरी निगाह तुझ पर
नूर ए नज़र, अंजाम नूराना बनाया

बेताब है, बहेकता ओर महकता दिल
बेवज़ह सही दिल, वजू़द तुने बनाया

माना ये ईबादत है , निगाहें करम दिल
मेरी हयाती का, हौसला बूलंद. बनाया

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111495525

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