दर्द दिल से उतर आया, उँगलीयों मे
बूत ए अलफाज़ , आशियाँ बनाया
रुखसत होती गई, सब बलाएँ भी
घौंसला, बखुबी दिल, तुने ये बनाया
होश में कहाँ है, मेरी निगाह तुझ पर
नूर ए नज़र, अंजाम नूराना बनाया
बेताब है, बहेकता ओर महकता दिल
बेवज़ह सही दिल, वजू़द तुने बनाया
माना ये ईबादत है , निगाहें करम दिल
मेरी हयाती का, हौसला बूलंद. बनाया