दर्द ए दिल को, शुकुन मिल जाए तो अच्छा
लडखडाते कदम काश, ठहर जाए तो अच्छा

मंजि़ल ए महोबत, बहुत दुर है हमसे दोस्तो
रहेनुमा दिल कोई खास,मिल जाए तो अच्छा

बहुत झेला है अंधेरा , नाज़ुक कलियों ने यहाँ
सनुहरी सहर कोई खास, मिल जाए तो अच्छा

दुरस्त हो जाए , राहे वफा महोबत में यकीनन
नुरानी नज़र कोई खास, मिल जाए तो अच्छा

दस्तक देती है उम्मीदें , दिल के दरवाजे़ पर
हकीकी हुश्न कोई खास, मिल जाए तो अच्छा

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111495520

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